यूं तो सरकारी धन के बंदरबांट को लेकर यूपी के अफसर आए दिन चर्चा में रहते हैं। सरकारी धन के गोलमाल करने वाले अफसर आये दिन मीडिया की सुर्खियों में रहते हैं पर उत्तरप्रदेश में एक ऐसा भी अफसर है जो सरकारी धन के गोलमाल नही बल्कि उस धन को बचाने में लगा है जो धन शायद गरीब कल्याण के लिए सरकार खर्च कर सके। बात उत्तरप्रदेश के संतकबीरनगर जिले की करते हैं जहां के पुलिस अधीक्षक (IPS SatyaJeet Gupta) सत्यजीत गुप्त ने ईमानदारी और सरकार के प्रति ईमानदारी एवं कर्मठता की जो मिसाल पेश की है वो अन्य अफसरों के लिए किसी नजीर से कम नही। अपने तेज तर्रार छवि के लिए जाने जाने वाले आईपीएस अफसर सत्यजीत गुप्त संतकबीरनगर जिले के पहले जहां जहां भी रहें वहां वहां उन्होंने कानून का राज स्थापित किया। जरायम की दुनियां को नेस्तनाबूद करने वाले सत्यजीत गुप्त इन दिनों उस वक्त प्रशंसा के पात्र बने जब उन्होंने रिजर्व पुलिस लाइन में कीचड़ भरे रास्ते पर उन ईंटो का इस्तेमाल कराया जो वीवीआईपी आगमन कार्यक्रमों के दौरान पुराने हेलीपैड निर्माण में लगे थे। जो लोग इन ईंटो को अनुपयोगी समझ समझ रहे थे उन्ही अनुपयोगी ईटों को निकलवाकर एसपी सत्यजीत गुप्त ने एक नया रास्ता बनवा दिया। कीचड़ भरे जिस रास्ते को एसपी सत्यजीत गुप्ता ने बनवाया अगर उसका शासन को इस्टीमेट गया होता तो उसके निर्माण की अनुमानित लागत लगभग 15 लाख ₹ तक आती। पर एसपी ने सरकार का धनदोहन न कर पुराने ईंटो का इस्तेमाल जिस तरह से कीचड़ भरे रास्ते को सही कराया वो बेमिशाल है और उन अफसरों के लिए एक नजीर है जो यदि इस बात से सीख लेंगे तो सरकार का भला ही करेंगे।