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बीते दिनों संतकबीरनगर जिले के सबसे बड़े ब्लॉक क्षेत्र सेमरियावा के बूधा कला गांव के ग्राम प्रधान मोनू शुक्ल की मां के निधन की सूचना पर जहां उनको सांत्वना देने पूर्व प्रमुख मुमताज अहमद पहुंचे थे। वहीं आज जब उनकी माता जी का ब्रह्मभोज कार्यक्रम था तब भी प्रधान मोनू शुक्ल के घर पहुंच पूर्व प्रमुख और मौजूदा ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि मुमताज अहमद ने उनकी मां के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए उन्हे अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मातृ शोक में डूबे ग्राम प्रधान मोनू शुक्ल का ढांढस बंधाने वाले पूर्व प्रमुख नेग्राम प्रधान मोनू शुक्ल को अपना बड़ा भाई समान बताते हुए कहा कि इस परिवार से उनका घरेलू लगाव है, बड़े भाई मोनू शुक्ल की मां से मुझे भी लाड प्यार और आशीर्वाद हमेशा मिलता रहा। मां की ममता का कोई मोल नहीं होता, मां के गम में गमजदा बड़े भाई मोनू शुक्ल के हर सुख दुख में मैं हमेशा एक छोटे भाई की तरह खड़ा रहता हूं। आज उनकी मां का दुनियां को छोड़ जाना अत्यंत ही दुखद है जिसकी कमी हमेशा खलेगी। परंतु नियति के आगे किसी की नही चलती है, नियति के आगे हम क्या ईश्वर की भी नही चली। विधाता को यही मंजूर था। ईश्वर से मैं यही कामना करता हूं कि स्वर्गिया मां को ईश्वर अपने श्री चरणों में स्थान दे और इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति बड़े भाई मोनू शुक्ल जी को प्रदान करें।

प्रधान मोनू शुक्ल की मां को पूर्व प्रमुख “मुमताज अहमद” ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि 

बीते दिनों संतकबीरनगर जिले के सबसे बड़े ब्लॉक क्षेत्र सेमरियावा के बूधा कला गांव के ग्राम प्रधान मोनू शुक्ल की मां के निधन की सूचना पर जहां उनको सांत्वना देने पूर्व प्रमुख मुमताज अहमद पहुंचे थे। वहीं आज जब उनकी माता जी का ब्रह्मभोज कार्यक्रम था तब भी प्रधान मोनू शुक्ल के घर पहुंच पूर्व प्रमुख और मौजूदा ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि मुमताज अहमद ने उनकी मां के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए उन्हे अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मातृ शोक में डूबे ग्राम प्रधान मोनू शुक्ल का ढांढस बंधाने वाले पूर्व प्रमुख नेग्राम प्रधान मोनू शुक्ल को अपना बड़ा भाई समान बताते हुए कहा कि इस परिवार से उनका घरेलू लगाव है, बड़े भाई मोनू शुक्ल की मां से मुझे भी लाड प्यार और आशीर्वाद हमेशा मिलता रहा। मां की ममता का कोई मोल नहीं होता, मां के गम में गमजदा बड़े भाई मोनू शुक्ल के हर सुख दुख में मैं हमेशा एक छोटे भाई की तरह खड़ा रहता हूं। आज उनकी मां का दुनियां को छोड़ जाना अत्यंत ही दुखद है जिसकी कमी हमेशा खलेगी। परंतु नियति के आगे किसी की नही चलती है, नियति के आगे हम क्या ईश्वर की भी नही चली। विधाता को यही मंजूर था। ईश्वर से मैं यही कामना करता हूं कि स्वर्गिया मां को ईश्वर अपने श्री चरणों में स्थान दे और इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति बड़े भाई मोनू शुक्ल जी को प्रदान करें।

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