संतकबीरनगर जिले में समाजवादी पार्टी की दलित पिछड़ा संवाद यात्रा लेकर आए समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य और प्रदेश पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. राजपाल कश्यप ने बड़ा बयान देते हुए बीजेपी पर निशाना साधा। मीडिया से बातचीत के पहले खलीलाबाद स्थित पार्टी कार्यालय पर पहुंचे राजपाल कश्यप का सपाइयों ने जोरदार स्वागत किया। इस दौरान जिलाध्यक्ष समेत वरिष्ठ नेता सुनील सिंह, पूर्व विधान सभा प्रत्याशी जयराम पांडेय, निवर्तमान जिला महासचिव नित्यानंद यादव, खलीलाबाद विधान सभा अध्यक्ष रमेश चंद्र यादव, वरिष्ठ नेता कोमल यादव, पूर्व जिला अध्यक्ष राम वृक्ष यादव, राम दरस यादव, पूर्व जिला अध्यक्ष तथा प्रदेश कमेटी के पदाधिकारी लोरिक यादव, अल्पसंख्यक वर्ग नेता इसहाक अंसारी, मेंहदावल चेयरमैन प्रतिनिधि तथा लोकसभा के दावेदार रमेश निषाद, वरिष्ठ नेता अवधेश यादव सहित तमाम नेता और कार्यकर्ता उपस्थित रहे। इस दौरान वरिष्ठ नेता लोरिक यादव ने राजपाल कश्यप को भेंट स्वरूप गदा भेंट किया। स्वागत के बाद मीडिया से बात चीत के दौरान सत्तारूढ़ दल बीजेपी पर तंज कसते हुए राजपाल कश्यप ने कहा कि बीजेपी को किसानों की कोई चिंता नहीं अगर चिंता होती तो किसान सम्मान निधि की जगह किसानों को मुफ्त खाद बीज देती, उन्होंने मुफ्त अनाज योजना पर भी सवाल उठाया और कहा कि ये तो वर्षों से बांटी जा रही है। इसमें बीजेपी का क्या रोल है। अनाज बाटने से काम नही चलेगा, अनाज देकर रसोई गैस सिलेंडर महंगा कर दिया गया, रसोई से चीनी और मिट्टी तेल गायब कर दिया गया, सामानों को महंगा कर बीजेपी ने जनता को रुलाने का काम किया है इसलिए यही जनता उन्हे 2024 के लोकसभा चुनाव में सबक सिखाने जा रही है। उन्होंने बीजेपी पर भगवान राम का आड़ लेकर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस प्रभु राम के सहारे बीजेपी राजनीति में सफल होना चाह रही है वही राम जी बीजेपी की नैया डूबाएंगे। गठबंधन की विफलता के सवाल पर उन्होंने कोई सीधा जबाव न देते हुए कहा कि हर मोर्चे पर विफल बीजेपी को जनता नकार चुकी है, इस चुनाव में पीडीए, एनडीए को हराकर देश को प्रधानमंत्री देने जा रहा है। दलित, पिछड़ा, मुस्लिम और सवर्ण वर्ग भाजपा से निराश है और समाजवादी पार्टी को मजबूत करने में लगा है जिसका परिणाम भी इस चुनाव में दिखेगा।उन्होंने जातिगत जनगणना की मांग को दोहराते हुए कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि सभी जातियों का विश्लेषण हो जिनको भागीदारी नहीं मिली. उन्हें उनका हिस्सा मिले जिससे सभी जातियों का प्रतिनिधित्व हो।