- जिले के नौ खंडों के 119 शाखों से करीब दो हजार से अधिक स्वयंसेवक करेंगे प्रतिभाग
- एक साथ गूंजेगा नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे का गीत
- मुख्य वक्ता के रूप में गोरक्ष प्रांत के प्रांत प्रचारक सुभाष का सभी स्वयंसेवकों को प्राप्त होगा पाथेय
संतकबीरनगर।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा जनपद के सभी नौ खंडों में संचालित हो रही शाखों का संगम आज यानी रविवार को कल यानी रविवार को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित होगा, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में गोरक्ष प्रांत के प्रांत प्रचारक सुभाष होंगे। यह पूरा कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक राजीव नयन और जिला कार्यवाह महेंद्र नारायण के देखरेख में संपन्न होगा।
जिला प्रचारक राजीव नयन ने कहा की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पहचान उसकी शाखा है। शाखा में ही शारीरिक और बौद्धिक रूप से मजबूत बनाकर व्यक्ति का निर्माण किया जाता है।
उन्होंने बताया कि जनपद की कुल 119 शाखों से करीब दो हजार से अधिक स्वयंसेवक इस शाखा संगम में प्रतिभाग करेंगे। जिला प्रचारक राजीव जी ने कहा कि शाखा में आने वाला प्रत्येक स्वयंसेवक राष्ट्र के लिए मर मिटने और राष्ट्र रक्षा की प्रेरणा लेता है। अपने मातृभूमि की रक्षा कैसे करनी चाहिए और इस पर गलत नजर डालने वालों का क्या करना चाहिए यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अच्छी तरह से जानता है। उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में वंदे मातरम की गूंज हो रही है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर स्पोर्ट्स स्टेडियम खलीलाबाद में करीब दो हजार से अधिक स्वयंसेवक एक साथ नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे की प्रार्थना कर मातृभूमि को परम वैभव तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा की शाखा में हम नित्य अपने मातृभूमि को परम वैभव के शिखर पर प्रतिष्ठित करने का संकल्प लेते हैं जो बहुत जल्द पूरा होने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि इस शाखा संगम के मुख्य वक्ता गोरख से प्रांत के प्रांत प्रचारक श्रीमान सुभाष जी होंगे, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मूल कार्यों और कई महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डालेंगे। उन्होंने कहा हम सभी एक गीत गाते हैं शाखा है गंगा की धारा डुबकी नित्य लगते हैं, मां का वंदन सांझ सवेरे साज सवेरे, श्रद्धा सुमन चढ़ाते हैं। इसका मतलब है कि जिस प्रकार मां गंगा की धारा निर्मल है, उसी तरह शाखा भी निर्मल है। इसमें डुबकी लगाने से अंतकरण के कई विकार समाप्त हो जाते हैं और मातृभूमि का सुबह-शाम बंधन कर हमें राष्ट्र प्रेम की भावना भी शाखा में सिखाई जाती है। इसलिए नित्य शाखा में आने वाला स्वयंसेवक किसी भी परिस्थिति में रहे वह राष्ट्र और मातृभूमि के लिए ही जिया करता है।