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संघर्षों के साए में इतिहास हमारा पलता है! जिस ओर जवानी चलती है, उस ओर जमाना चलता है!
                  किसी मशहूर शायर की इन्ही पंक्तियों को आत्मसात करके ही शायद बीएसपी ने एक ऐसे युवा चेहरे पर दांव खेला है जो कभी मीडिया की सुर्खियों में भले ही नही रहा हो पर जनता की नजरों में वह किसी हीरो से कम नही...... नाम है सैयद दानिश!
पूर्व में घोषित कैंडिडेट मो0 आलम की निष्क्रियता देख पार्टी फोरम ने जो रिपोर्ट बीएसपी सुप्रीमो मायावती को भेजी उसके बाद शीर्ष नेतृत्व ने ये फैसला लिया कि सैयद दानिश अंसारी पर दांव खेला जाए। लोकसभा क्षेत्र के बनते बिगड़ते समीकरण के बीच खुद की खोई हुई सियासी जमीन को पाने की जुगत में जुटी बीएसपी के लिए सैयद दानिश वो चेहरा है जो युवाओं के एक बड़े जत्थे का नेतृत्व करते है। जिले के बेलहर ब्लॉक क्षेत्र के मियां कुसरु गांव के रहने वाले बीएसपी प्रत्याशी सैयद दानिश ग्रेजुएट होने के साथ फार्मेसी डिप्लोमा कोर्स भी किए हुए है। जिनका नाम उस वक्त लाइम लाइट में आया है वैश्विक महामारी कोरोना अपना कहर पूरे देश में ढा रहा था। जिले के लोग त्राहि माम कर रहे थे, ऐसे मुश्किल वक्त में जहां लोग खुद की जान बचाने के लिए घरों में दुबके हुए थे वहीं सैयद दानिश और उनकी टीम जनता की जरूरतों को पूरा करने के साथ प्रवासी मजदूरों की मदद में जुटी हुई थी। लोगों को जीवन रक्षक दवाइयों की आपूर्ति के साथ जरूरतमंद लोगों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कराने वाले सैयद दानिश फिलहाल अविवाहित है। पेशे से प्रॉपर्टी डीलर सैयद दानिश वर्ष 2019 में बीएसपी में शामिल हुए। अपने ज्वाइनिंग से लेकर आजतक बीएसपी की नीतियों और पार्टी सुप्रीमो की विचारधारा को जन जन तक पहुंचाने का उन्हे ऐसा परिणाम मिलेगा ये शयाद उन्होंने भी नही सोचा होगा। लेकिन अब जब उन्हें सेवा का इनाम टिकट के रूप में मिला तब उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि पार्टी ने जिस भरोसे के साथ उन्हे टिकट दिया है उसपर वो शत प्रतिशत खरा उतरने का कार्य करेंगे। उन्होंने ये दवा किया कि लोकसभा सीट को युवाओं के बल पर जीत कर इसे बहन मायावती जी को समर्पित करेंगे। स्थानीय मुद्दों को लेकर उन्होंने कहा कि आज बीजेपी के राज में जो सबसे दुखी है वो बेरोजगार युवा है जिसकी भलाई के लिए वो कार्य करेंगे।स्थानीय स्तर पर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खोलेंगे।उन्होंने कहा कि नफरत की राजनीति को खत्म कर जिले में गंगा जमुनी तहजीब को कायम रखते हुए अनगिनत विकास के कार्य कराए जाएंगे। बीएसपी प्रत्याशी सैयद दानिश ने बीजेपी पर धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि संत कबीर की इस सरजमी ने हमेशा से ही कौमी एकता को बढ़ावा दिया है, यहां पर फिरका परस्तो के लिए कोई जगह नहीं। बीजेपी सपा और कांग्रेस की नीतियों से आजिज आ चुकी जनता आज बीएसपी की तरफ आशा भरी नजरो से देख रही है।

युवा चेहरा सैयद दानिश पर BSP ने लगाया दांव, काटा मो० आलम का टिकट

 

संघर्षों के साए में इतिहास हमारा पलता है! जिस ओर जवानी चलती है, उस ओर जमाना चलता है!
                  किसी मशहूर शायर की इन्ही पंक्तियों को आत्मसात करके ही शायद बीएसपी ने एक ऐसे युवा चेहरे पर दांव खेला है जो कभी मीडिया की सुर्खियों में भले ही नही रहा हो पर जनता की नजरों में वह किसी हीरो से कम नही…… नाम है सैयद दानिश!
पूर्व में घोषित कैंडिडेट मो0 आलम की निष्क्रियता देख पार्टी फोरम ने जो रिपोर्ट बीएसपी सुप्रीमो मायावती को भेजी उसके बाद शीर्ष नेतृत्व ने ये फैसला लिया कि सैयद दानिश अंसारी पर दांव खेला जाए। लोकसभा क्षेत्र के बनते बिगड़ते समीकरण के बीच खुद की खोई हुई सियासी जमीन को पाने की जुगत में जुटी बीएसपी के लिए सैयद दानिश वो चेहरा है जो युवाओं के एक बड़े जत्थे का नेतृत्व करते है। जिले के बेलहर ब्लॉक क्षेत्र के मियां कुसरु गांव के रहने वाले बीएसपी प्रत्याशी सैयद दानिश ग्रेजुएट होने के साथ फार्मेसी डिप्लोमा कोर्स भी किए हुए है। जिनका नाम उस वक्त लाइम लाइट में आया है वैश्विक महामारी कोरोना अपना कहर पूरे देश में ढा रहा था। जिले के लोग त्राहि माम कर रहे थे, ऐसे मुश्किल वक्त में जहां लोग खुद की जान बचाने के लिए घरों में दुबके हुए थे वहीं सैयद दानिश और उनकी टीम जनता की जरूरतों को पूरा करने के साथ प्रवासी मजदूरों की मदद में जुटी हुई थी। लोगों को जीवन रक्षक दवाइयों की आपूर्ति के साथ जरूरतमंद लोगों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कराने वाले सैयद दानिश फिलहाल अविवाहित है। पेशे से प्रॉपर्टी डीलर सैयद दानिश वर्ष 2019 में बीएसपी में शामिल हुए। अपने ज्वाइनिंग से लेकर आजतक बीएसपी की नीतियों और पार्टी सुप्रीमो की विचारधारा को जन जन तक पहुंचाने का उन्हे ऐसा परिणाम मिलेगा ये शयाद उन्होंने भी नही सोचा होगा। लेकिन अब जब उन्हें सेवा का इनाम टिकट के रूप में मिला तब उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि पार्टी ने जिस भरोसे के साथ उन्हे टिकट दिया है उसपर वो शत प्रतिशत खरा उतरने का कार्य करेंगे। उन्होंने ये दवा किया कि लोकसभा सीट को युवाओं के बल पर जीत कर इसे बहन मायावती जी को समर्पित करेंगे। स्थानीय मुद्दों को लेकर उन्होंने कहा कि आज बीजेपी के राज में जो सबसे दुखी है वो बेरोजगार युवा है जिसकी भलाई के लिए वो कार्य करेंगे।स्थानीय स्तर पर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खोलेंगे।उन्होंने कहा कि नफरत की राजनीति को खत्म कर जिले में गंगा जमुनी तहजीब को कायम रखते हुए अनगिनत विकास के कार्य कराए जाएंगे। बीएसपी प्रत्याशी सैयद दानिश ने बीजेपी पर धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि संत कबीर की इस सरजमी ने हमेशा से ही कौमी एकता को बढ़ावा दिया है, यहां पर फिरका परस्तो के लिए कोई जगह नहीं। बीजेपी सपा और कांग्रेस की नीतियों से आजिज आ चुकी जनता आज बीएसपी की तरफ आशा भरी नजरो से देख रही है।

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