Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wp-statistics domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home1/digit2gw/satyamevtimes.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home1/digit2gw/satyamevtimes.com/wp-includes/functions.php on line 6114
BSP को झटका देकर छात्र क्रांति के जनक "अशोक" ने थामा BJP का दामन - Satyamev Times Media Network.
Time in United States now
सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है
संतकबीरनगर जिले के तेज तर्रार युवा नेता तथा पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के हित की लड़ाई लड़ने वाले पूर्व जिला पंचायत सदस्य अशोक कुमार चौधरी आज बीजेपी में शामिल हो गए।
एक अति पिछड़े गांव चंगेरवा मंगेरवा से बेहतर शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य के साथ जिला मुख्यालय पर आकर तीन कमरों के किराए के मकान में रहने वाले एक संघर्षशील पिता स्व0 भरत चौधरी जी के बेटे अशोक चौधरी बचपन से ही एक कुशाग्र बुद्धि और अपार प्रतिभा के धनी थे। प्रारंभिक शिक्षा के बाद एचआर इंटर कॉलेज में 10+2 की शिक्षा ग्रहण करने के बाद इसी संस्थान के पीजी कॉलेज में प्रवेश करने वाले अशोक चौधरी पहले इसी महाविद्यालय के उपाध्यक्ष बने फिर बने अध्यक्ष।
छात्र संघ की राजनीति रूपी भट्टी में तपकर सक्रिय राजनीति में पदार्पण करने वाले अशोक चौधरी सर्वप्रथम अपनी मां को जिला पंचायत सदस्य बनाए फिर खुद भी जिला पंचायत सदस्य बने। कभी अशोक चौधरी के ही कारण यादव समाज का एक होनहार बेटा जो अशोक के संघर्षों का साथी था उसको उन्होंने जिले के प्रथम नागरिक की कुर्सी पर विराजमान कराकर उसे जिला पंचायत अध्यक्ष बनाया। इस बीच क्षेत्र के विकास को लेकर जब दोनो के बीच अनबन हुई तब अनुभवी जिला पंचायत सदस्य अशोक चौधरी ने राजनीति का एक ऐसा पाशा फेंका जिसमे फंसकर सपा से निर्वाचित होने वाला जिला पंचायत अध्यक्ष कुर्सी से बेदखल हो गया और बीजेपी की दलित महिला का इस महत्वपूर्ण कुर्सी पर कब्जा हुआ। कभी समाजवादी पार्टी के उभरते नेता अशोक चौधरी को जब अपनो की साजिश का पता चला तब उन्होंने अचानक ही चौकाने वाला फैसला लेते हुए बीएसपी का दामन थाम लिया। बीएसपी का दामन थामने वाले अशोक चौधरी ने बीते त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जहां खुद जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनाव लडा वहीं उन्होंने अपनी मां समान भाभी को भी चुनावी मैदान में उतारा। जिसको देख उनके राजनैतिक दुश्मन उनसे खार खाकर एक गोल में शामिल हो गए जिसका नतीजा यह रहा कि साल 2020 के त्रिसतरीय चुनाव में अशोक और उनकी भाभी को हार मिली। समाज के हित की लड़ाई के साथ अगड़ा पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय की हित के लिए लड़ने वाले पूर्व जिला पंचायत सदस्य अशोक चौधरी कभी हार नही माने, विपक्ष में रहने के बाबजूद जनता के हितों के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से लड़ने भिड़ने वाले अशोक चौधरी की काबिलियत को जब बीएसपी ने कोई कद्र नहीं किया तब उन्होंने हित मित्रो और अपने मीडिया सलाहकारों की सलाह पर आज बीजेपी का दामन थामते हुए बीएसपी को अलविदा कह दिया। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि आज की डेट में बीएसपी अपने मूल सिद्धांतों का अनुसरण नही कर रही थी, आज की बीएसपी डॉ बी आर अम्बेडकर और पार्टी के संस्थापक मान्यवर कांशीराम जी के सिद्धांतो पर नही चल रही थी, वर्तमान में बीएसपी का हर एक कार्यकर्ता पार्टी में बुझे मन से रह रहा था। लोकसभा चुनाव में प्रत्याशिता चयन में अयोग्य लोगों को टिकट देकर बीएसपी सुप्रीमो ने ये जतला दिया कि उन्हें सिर्फ खुद से मतलब है न कि पार्टी से। पूर्व जिला पंचायत सदस्य तथा पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अशोक चौधरी ने बीजेपी की जब सदस्यता ग्रहण की तब उनके चाहने वालों ने उनका जोरदार स्वागत करते हुए उन्हे फूल मालाओं से लाद दिया। बीजेपी ज्वाइनिंग करने वाले अशोक चौधरी के सम्मान में उनके समर्थकों तथा भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुष्प वर्षा कर इस तेज तर्रार युवा नेता अशोक चौधरी का स्वागत किया। स्वागत के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि इस चुनाव के मोदी जी की गारंटी जहां काम आ रही है वहीं बसपा और गठबंधन प्रत्याशी की कारगुजारियों से तंग आकर ही उन्होंने बीजेपी का दामन थामा है और ये निर्णय लिया है कि इस चुनाव में बीजेपी उन्हे जो भी जिम्मेदारी सौपेगी उसपर वो खरा उतरने का कार्य करेंगे।

BSP को झटका देकर छात्र क्रांति के जनक “अशोक” ने थामा BJP का दामन

संतकबीरनगर जिले के तेज तर्रार युवा नेता तथा पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के हित की लड़ाई लड़ने वाले पूर्व जिला पंचायत सदस्य अशोक कुमार चौधरी आज बीजेपी में शामिल हो गए।
एक अति पिछड़े गांव चंगेरवा मंगेरवा से बेहतर शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य के साथ जिला मुख्यालय पर आकर तीन कमरों के किराए के मकान में रहने वाले एक संघर्षशील पिता स्व0 भरत चौधरी जी के बेटे अशोक चौधरी बचपन से ही एक कुशाग्र बुद्धि और अपार प्रतिभा के धनी थे। प्रारंभिक शिक्षा के बाद एचआर इंटर कॉलेज में 10+2 की शिक्षा ग्रहण करने के बाद इसी संस्थान के पीजी कॉलेज में प्रवेश करने वाले अशोक चौधरी पहले इसी महाविद्यालय के उपाध्यक्ष बने फिर बने अध्यक्ष।
छात्र संघ की राजनीति रूपी भट्टी में तपकर सक्रिय राजनीति में पदार्पण करने वाले अशोक चौधरी सर्वप्रथम अपनी मां को जिला पंचायत सदस्य बनाए फिर खुद भी जिला पंचायत सदस्य बने। कभी अशोक चौधरी के ही कारण यादव समाज का एक होनहार बेटा जो अशोक के संघर्षों का साथी था उसको उन्होंने जिले के प्रथम नागरिक की कुर्सी पर विराजमान कराकर उसे जिला पंचायत अध्यक्ष बनाया। इस बीच क्षेत्र के विकास को लेकर जब दोनो के बीच अनबन हुई तब अनुभवी जिला पंचायत सदस्य अशोक चौधरी ने राजनीति का एक ऐसा पाशा फेंका जिसमे फंसकर सपा से निर्वाचित होने वाला जिला पंचायत अध्यक्ष कुर्सी से बेदखल हो गया और बीजेपी की दलित महिला का इस महत्वपूर्ण कुर्सी पर कब्जा हुआ। कभी समाजवादी पार्टी के उभरते नेता अशोक चौधरी को जब अपनो की साजिश का पता चला तब उन्होंने अचानक ही चौकाने वाला फैसला लेते हुए बीएसपी का दामन थाम लिया। बीएसपी का दामन थामने वाले अशोक चौधरी ने बीते त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जहां खुद जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनाव लडा वहीं उन्होंने अपनी मां समान भाभी को भी चुनावी मैदान में उतारा। जिसको देख उनके राजनैतिक दुश्मन उनसे खार खाकर एक गोल में शामिल हो गए जिसका नतीजा यह रहा कि साल 2020 के त्रिसतरीय चुनाव में अशोक और उनकी भाभी को हार मिली। समाज के हित की लड़ाई के साथ अगड़ा पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय की हित के लिए लड़ने वाले पूर्व जिला पंचायत सदस्य अशोक चौधरी कभी हार नही माने, विपक्ष में रहने के बाबजूद जनता के हितों के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से लड़ने भिड़ने वाले अशोक चौधरी की काबिलियत को जब बीएसपी ने कोई कद्र नहीं किया तब उन्होंने हित मित्रो और अपने मीडिया सलाहकारों की सलाह पर आज बीजेपी का दामन थामते हुए बीएसपी को अलविदा कह दिया। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि आज की डेट में बीएसपी अपने मूल सिद्धांतों का अनुसरण नही कर रही थी, आज की बीएसपी डॉ बी आर अम्बेडकर और पार्टी के संस्थापक मान्यवर कांशीराम जी के सिद्धांतो पर नही चल रही थी, वर्तमान में बीएसपी का हर एक कार्यकर्ता पार्टी में बुझे मन से रह रहा था। लोकसभा चुनाव में प्रत्याशिता चयन में अयोग्य लोगों को टिकट देकर बीएसपी सुप्रीमो ने ये जतला दिया कि उन्हें सिर्फ खुद से मतलब है न कि पार्टी से। पूर्व जिला पंचायत सदस्य तथा पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अशोक चौधरी ने बीजेपी की जब सदस्यता ग्रहण की तब उनके चाहने वालों ने उनका जोरदार स्वागत करते हुए उन्हे फूल मालाओं से लाद दिया। बीजेपी ज्वाइनिंग करने वाले अशोक चौधरी के सम्मान में उनके समर्थकों तथा भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुष्प वर्षा कर इस तेज तर्रार युवा नेता अशोक चौधरी का स्वागत किया। स्वागत के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि इस चुनाव के मोदी जी की गारंटी जहां काम आ रही है वहीं बसपा और गठबंधन प्रत्याशी की कारगुजारियों से तंग आकर ही उन्होंने बीजेपी का दामन थामा है और ये निर्णय लिया है कि इस चुनाव में बीजेपी उन्हे जो भी जिम्मेदारी सौपेगी उसपर वो खरा उतरने का कार्य करेंगे।

Leave a Reply

error: Content is protected !!