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सूर्या ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन डॉ उदय के घर आयोजित है कथा.....
जिले के सर्वाधिक चर्चित शख्सियत व वरिष्ठ समाजसेवी हैं डॉ उदय प्रताप........
संतकबीरनगर - खुद की मेहनत और ईश्वर पर अटूट आस्था रखकर चलने वाले जिले के वरिष्ठ समाजसेवी तथा सूर्या ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी के पैतृक गांव (घर) पर आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के दूसरे दिन उपस्थित भक्त मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की भक्ति में गोते लगाते दिखे। कथा वाचक के आगमन पूर्व से ही संगीतमय टीम द्वारा प्रस्तुत श्रीराम और हनुमान जी की भजनों पर लोग भक्ति रस में डूबे नजर आए, हर तरफ श्रीराम जी के जयकारों के बीच जब कथा व्यास पंडित विनय ओझा 'बाल व्यास' अपनी गद्दी पर विराजमान हुए तब कथा की मुख्य यजमान श्रीमती चंद्रावती देवी के साथ परिवार के सभी सदस्यों ने उनकी आरती की, आरती कार्यक्रम के अपना दल एस व्यापार मंच के प्रदेश अध्यक्ष पुष्कर चौधरी भी सम्मिलित हुए। परिवार की मुखिया श्रीमती चंद्रावती देवी, आयोजक डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी और राकेश चतुर्वेदी संग परिवार के सदस्यों ने विद्वान पंडितो को दान दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद लिया। कथा के दूसरे दिन कथा वाचक ने प्रभु श्रीराम कथा के संदर्भ में भगवान शिव और सती के प्रसंग का वर्णन किया।उन्होंने सभी कथाओं को साथ सुनने की महिमा का बखान किया। कथा वाचक ने मायावी मारीच और मायापति प्रभु श्रीराम की कथा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मारीच, स्वर्ण मृग का रुप धारण कर प्रभु को भ्रम में डालने की प्रयास करता है।लेकिन यहॉ कथा वाचक ने भगवान और भक्त के बीच का रिश्ता बताते हुए कहा कि भक्त की भक्ति जिधर जाती है प्रभु स्वयं उधर चले जाते हैं।कथा वाचक ने दंडक वन में सूप्नखा का वृत्तांत भी बताया।उन्होंने गोस्वामी जी की चौपाई के जरिए शब्दों का विच्छेद करते हुए उनका मर्म समझाया।कथा के दौरान संगीत और भजन की सुरलहरियॉ गूंजती रहीं।

श्रीराम कथा के दूसरे दिन “राम” की भक्ति में गोते लगाते दिखे भक्त 

सूर्या ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन डॉ उदय के घर आयोजित है कथा…..
जिले के सर्वाधिक चर्चित शख्सियत व वरिष्ठ समाजसेवी हैं डॉ उदय प्रताप……..
संतकबीरनगर – खुद की मेहनत और ईश्वर पर अटूट आस्था रखकर चलने वाले जिले के वरिष्ठ समाजसेवी तथा सूर्या ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी के पैतृक गांव (घर) पर आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के दूसरे दिन उपस्थित भक्त मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की भक्ति में गोते लगाते दिखे। कथा वाचक के आगमन पूर्व से ही संगीतमय टीम द्वारा प्रस्तुत श्रीराम और हनुमान जी की भजनों पर लोग भक्ति रस में डूबे नजर आए, हर तरफ श्रीराम जी के जयकारों के बीच जब कथा व्यास पंडित विनय ओझा ‘बाल व्यास’ अपनी गद्दी पर विराजमान हुए तब कथा की मुख्य यजमान श्रीमती चंद्रावती देवी के साथ परिवार के सभी सदस्यों ने उनकी आरती की, आरती कार्यक्रम के अपना दल एस व्यापार मंच के प्रदेश अध्यक्ष पुष्कर चौधरी भी सम्मिलित हुए। परिवार की मुखिया श्रीमती चंद्रावती देवी, आयोजक डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी और राकेश चतुर्वेदी संग परिवार के सदस्यों ने विद्वान पंडितो को दान दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद लिया। कथा के दूसरे दिन कथा वाचक ने प्रभु श्रीराम कथा के संदर्भ में भगवान शिव और सती के प्रसंग का वर्णन किया।उन्होंने सभी कथाओं को साथ सुनने की महिमा का बखान किया। कथा वाचक ने मायावी मारीच और मायापति प्रभु श्रीराम की कथा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मारीच, स्वर्ण मृग का रुप धारण कर प्रभु को भ्रम में डालने की प्रयास करता है।लेकिन यहॉ कथा वाचक ने भगवान और भक्त के बीच का रिश्ता बताते हुए कहा कि भक्त की भक्ति जिधर जाती है प्रभु स्वयं उधर चले जाते हैं।कथा वाचक ने दंडक वन में सूप्नखा का वृत्तांत भी बताया।उन्होंने गोस्वामी जी की चौपाई के जरिए शब्दों का विच्छेद करते हुए उनका मर्म समझाया।कथा के दौरान संगीत और भजन की सुरलहरियॉ गूंजती रहीं।

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