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भिटहॉ गांव में चल रहा है सात दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा.......
वरिष्ठ समाजसेवी तथा सूर्या ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन का गांव है भिटहॉ......
पिता स्व० सूर्य नारायण चतुर्वेदी की स्मृति में डॉ उदय कराए हैं कथा का आयोजन.....
श्रीराम कथा को सुनने प्रतिदिन जुट रही है रामभक्तों की भारी भीड़............
कथा के चौथे दिन कथा व्यास ने सुनाई राम जन्मोत्सव की कथा........
संतकबीरनगर (धर्म ज्योतिष डेस्क) - जिले के भिटहॉ गॉव चल रहे सात दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के चौथे दिन कथा व्यास ने प्रभु राम के जन्मोत्सव की कथा सुनाई। पंडित सूर्य नारायण चतुर्वेदी की स्मृति में चल रहे सात दिवसीय श्रीराम कथा के चौथे दिन अयोध्या धाम से पधारे कथा वाचक पंडित विनय ओझा 'बाल व्यास' द्वारा प्रस्तुत कथा को सुन उपस्थित रामभक्त भाव विभोर हो उठे। आपको बता दें कि जिले के चर्चित शख्सियत डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी के पैतृक गांव भिठ्हां में चल रहे इस कथा के चौथे दिन की शुरुवात कथा व्यास के आरती से हुईं। मुख्य यजमान श्रीमती चंद्रावती देवी के साथ डॉ उदय समेत परिवार के सभी छोटे बड़े सदस्यों ने कथा व्यास की आरती उतारते हुए उपस्थित आचार्यों को दान दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद लिया। संगीतमय कथा के चौथे दिन कथा व्यास द्वारा  'भय प्रकट कृपाला.....प्रसंग की प्रस्तुति पर रामभक्त भक्ति के रस में गोते लगाते हुए दिखे। कथा वाचक ने श्रीराम जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि गोस्वामी जी ने लिखा है कि विप्र,धेनु,सुर,संत हित लीन्ह मनुज अवतार' भगवान राम ने लोगों के उद्धार के लिए मानव रुप में जन्म लिया।प्रभु श्रीराम जब प्रकट हुए तो माता कौशल्या को अपना अद्भुत विराट रूप दिखाया।हाथ में धनुष-वाण,ऐसा विराट रूप जिसमें पूरा ब्रह्मांड समाया हुआ था।भगवान का चतुर्भुज रूप, उनके रोम-रोम से वेदों का उच्चारण हो रहा था।यह सब देख माता कौशल्या डर गई।उन्होंने श्रीराम से विनती की, कि अब बाल लीला कीजिए।जिससे हमें मातृ सुख प्राप्त हो।इतना सुनते प्रभु श्रीराम नवजात बालक का रुप धारण कर रोने लगे।जब यह खबर राजा दशरथ को मिली तब वे गदगद हो गए।सोहर और मंगल गीतों के साथ पूरे अयोध्या में खुशियॉ मनाई गई। श्रीराम के जन्म की कथा के दौरान संगीतमयी सोहर गीतों की प्रस्तुति से माहौल भक्तिमय हो गया।

राम नाम के सुमिरन मात्र से ही दूर हो जाते हैं सभी कष्ट- पं० विनय ओझा

भिटहॉ गांव में चल रहा है सात दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा…….
वरिष्ठ समाजसेवी तथा सूर्या ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन का गांव है भिटहॉ……
पिता स्व० सूर्य नारायण चतुर्वेदी की स्मृति में डॉ उदय कराए हैं कथा का आयोजन…..
श्रीराम कथा को सुनने प्रतिदिन जुट रही है रामभक्तों की भारी भीड़…………
कथा के चौथे दिन कथा व्यास ने सुनाई राम जन्मोत्सव की कथा……..
संतकबीरनगर (धर्म ज्योतिष डेस्क) – जिले के भिटहॉ गॉव चल रहे सात दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के चौथे दिन कथा व्यास ने प्रभु राम के जन्मोत्सव की कथा सुनाई। पंडित सूर्य नारायण चतुर्वेदी की स्मृति में चल रहे सात दिवसीय श्रीराम कथा के चौथे दिन अयोध्या धाम से पधारे कथा वाचक पंडित विनय ओझा ‘बाल व्यास’ द्वारा प्रस्तुत कथा को सुन उपस्थित रामभक्त भाव विभोर हो उठे। आपको बता दें कि जिले के चर्चित शख्सियत डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी के पैतृक गांव भिठ्हां में चल रहे इस कथा के चौथे दिन की शुरुवात कथा व्यास के आरती से हुईं। मुख्य यजमान श्रीमती चंद्रावती देवी के साथ डॉ उदय समेत परिवार के सभी छोटे बड़े सदस्यों ने कथा व्यास की आरती उतारते हुए उपस्थित आचार्यों को दान दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद लिया। संगीतमय कथा के चौथे दिन कथा व्यास द्वारा  ‘भय प्रकट कृपाला…..प्रसंग की प्रस्तुति पर रामभक्त भक्ति के रस में गोते लगाते हुए दिखे। कथा वाचक ने श्रीराम जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि गोस्वामी जी ने लिखा है कि विप्र,धेनु,सुर,संत हित लीन्ह मनुज अवतार’ भगवान राम ने लोगों के उद्धार के लिए मानव रुप में जन्म लिया।प्रभु श्रीराम जब प्रकट हुए तो माता कौशल्या को अपना अद्भुत विराट रूप दिखाया।हाथ में धनुष-वाण,ऐसा विराट रूप जिसमें पूरा ब्रह्मांड समाया हुआ था।भगवान का चतुर्भुज रूप, उनके रोम-रोम से वेदों का उच्चारण हो रहा था।यह सब देख माता कौशल्या डर गई।उन्होंने श्रीराम से विनती की, कि अब बाल लीला कीजिए।जिससे हमें मातृ सुख प्राप्त हो।इतना सुनते प्रभु श्रीराम नवजात बालक का रुप धारण कर रोने लगे।जब यह खबर राजा दशरथ को मिली तब वे गदगद हो गए।सोहर और मंगल गीतों के साथ पूरे अयोध्या में खुशियॉ मनाई गई। श्रीराम के जन्म की कथा के दौरान संगीतमयी सोहर गीतों की प्रस्तुति से माहौल भक्तिमय हो गया।

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