अयोध्या – रामनगरी का पांचवां दीपोत्सव इस बार बेहद खास होगा। दीपोत्सव के लिए अयोध्या को संवारने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। इसी बीच, दीपोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने की खबर ने हलचल बढ़ा दी है। पीएम के आगमन को लेकर अभी कोई आधिकारिक घोषणा तो नहीं हुई है, लेकिन योजनाओं के क्रियान्यवन और दीपोत्सव की तैयारी उनके रामनगरी आने का संकेत देती हैं। ऐसा हुआ तो दोबारा अयोध्या आकर प्रधानमंत्री एक नया इतिहास रचेंगे। राम की पैड़ी के पुनरुद्धार सहित अयोध्या के विकास से जुड़ी कई परियोजनाओं को नवंबर से पहले पूरा करने की भी कोशिश की जा रही है। बाहुबली और लगान फिल्मों का सेट तैयार करने वाले आर्ट डायरेक्टर चंद्रकांत देसाई से दीपोत्सव का सेट तैयार कराने की वार्ता चल रही है।
पर्यटन व संस्कृति विभाग एवं जिला प्रशासन की ओर से दीपोत्सव की तैयारियां शुरू दी गई हैं। अयोध्या जंक्शन के पुनर्विकास से जुड़े पहले फेज का कार्य भी नंबर में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। श्रीराम एयरपोर्ट के पहले फेज के निर्माण कार्य का टेंडर भी हो चुका है। सांसद लल्लू सिंह ने मंगलवार को नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर कार्य को यथाशीघ्र आरंभ कराने की मांग रखी है। दीपोत्सव पर ही रामायण क्रूज का उद्घाटन कराने की भी तैयारी है। प्रशासनिक गंभीरता बताती है कि दीपोत्सव का हिस्सा बनने के साथ ही प्रधानमंत्री कई परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी कर सकते हैं। दीपोत्सव में अहम भूमिका निभाने वाले एक अधिकारी की माने तो ऐसा विचार किया जा रहा है कि पीएम इस बार दीपोत्सव में शामिल हों। विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह कहते हैं कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की कोई जानकारी उनके पास नहीं है। यदि प्रधानमंत्री दीपोत्सव पर आते हैं तो यह सौभाग्य होगा।
प्रधानमंत्री का यह दौरा आध्यात्म के साथ राजनीति की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल का यह आखिरी दीपोत्सव होगा। यूपी में अगले साल चुनाव हैं, इसलिए प्रधानमंत्री के अयोध्या जाने के कार्यक्रम को सियासी तौर पर भी देखा जा रहा है। सूबे की राजनीति में अयोध्या की बेहद खास भूमिका है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एआइएमआइएम के प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी ने अपने यूपी दौरे की शुरुआत अयोध्या से की है। अयोध्या में इस बार विश्व की सबसे बड़ी रामलीला कराने की तैयारी है। भाजपा नेता और सांसद मनोज तिवारी अंगद की भूमिका में नजर आएंगे। इस राम लीला में राम की भूमिका राहुल वूछर निभाएंगे। इसके अलावा अभिनेता बिंदु दारा सिंह हनुमान की भूमिका में नज़र आएंगे। बताया जा रहा है कि शाहाबाज खान रावण के किरदार में नज़र आएंगे। वहीं, लोकसभा से बीजेपी सांसद और अभिनेता रवि किशन परशुराम बनेंगे।
👉 इस बार सात लाख 50 हजार दिये जलाने का लक्ष्य –
मान्यता है कि भगवान राम के वनवास से लौटने की खुशी में दीपावली मनाई जाती है। योगी सरकार ने रामनगरी के आत्मा से जुड़े देश के इस मुख्य पर्व को दीपोत्सव का रूप देकर अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई। पांचवें दीपोत्सव पर सात लाख 50 हजार दिये जलाने का लक्ष्य रखा गया है। इससे पूर्व योगी सरकार के गठन पर वर्ष 2017 में पहले दीपोत्सव पर 1.87 लाख दीये जलाने का कीर्तिमान भी बनाया गया था। इसके बाद वर्ष 2018 में 3.11 लाख, 2019 में 4.51 लाख, 2020 में 5.51 लाख दिये जलाकर प्रतिवर्ष नया विश्व रिकार्ड बनाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में रामनगरी के दीपोत्सव का नाम दर्ज कराया गया।
👉 रामलला पहनेंगे नवरत्नों से अलंकृत पोशाक –
दीपोत्सव के अवसर पर रामलला को नवरत्नों से अलंकृत पोशाक धारण कराई जाएगी। रामलला को विशेष मौकों पर पोशाक अर्पित करने वाले रामादल के अध्यक्ष पं. कल्किराम ने बताया कि चार नवंबर को दीपोत्सव के लिए विशेष पोशाक बनवाई जा रही है और यह नवरत्नों से सज्जित होगी। उन्होंने इस संबंध में रामलला के प्रधान अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास से वार्ता भी की। इस दौरान पं. कल्किराम ने यह भी एलान किया कि दिसंबर 2023 में रामलला जब भव्य मंदिर के गर्भगृह के विराजेंगे, तब रामलला को हीरा जडि़त पोशाक धारण कराई जाएगी। गर्भगृह में लगाया जाने वाला पर्दा भी बहुमूल्य रत्नों से जडि़त होगा। साभार-दैनिक जागरण