सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है   उत्तर प्रदेश के कौशांबी में वायरल बुखार का कहर तेजी से बरपने लगा है। इसकी चपेट में सबसे अधिक बच्चे आ रहे हैं। कौशांबी ब्लॉक के भटवरिया गांव में दर्जनों बच्चे बीमार हैं। यह बच्चे गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ाई के दौरान अचानक बीमार हुए थे। जिसके बाद अभिभावकों में नाराजगी भी देखने को मिली। बच्चों के बीमार होने की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को हुई तो हड़कंप मच गया। सीएमओ के निर्देश पर आनन फानन में स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची। बच्चों के स्वास्थ्य का चेक अप किया। ग्रामीणों का आरोप है कि डॉक्टरों ने इलाज के नाम पर खाना पूर्ति की है। स्कूल परिसर में चारों तरफ गंदगी का अंबार देखने को मिल रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि गंदगी भी बीमारी फैलने की वजह बन रही है। इसके अलावा बच्चों का सैंपल भी लेकर जांच के लिए भेजा जा रहा है। अभी तक यह निष्कर्ष नहीं निकला कि आखिर बच्चे ही क्यों बीमार हो रहे हैं। चिकित्सकों की माने तो यह परेशानी का विषय है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। कौशांबी ब्लॉक के भटवरिया के बच्चे शुक्रवार को गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए गए। अचानक एक साथ कई बच्चों ने सिर दर्द, बदन दर्द एवं चक्कर आने के अलावा तेज बुखार होने की जानकारी शिक्षकों को दी। अचानक दर्जन भर से अधिक बच्चों के बीमार होने पर फौरन शिक्षकों ने बच्चों को उनके घर भेज दिया। बच्चों ने घर पहुंच कर परिजनों को तबीयत खराब होने की जानकारी दी। कुछ बच्चों ने परिजनों को यह बताया कि स्कूल में दवा छिड़काव होने के बाद बीमार होने की बात कही। जिस पर तमाम अभिभावक नाराज हुए और स्कूल पहुंच कर हंगामा करने लगे। हालांकि शिक्षकों ने समझाया और बच्चों के बीमार होने की जानकारी सीएचसी कनैली को दी। स्कूली बच्चों के बीमार होने की सूचना शनिवार को सीएमओ को भी दी गई। सीएमओ के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची। चिकित्सकों ने स्कूल पहुंच कर बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। इसके बाद गांव में डोर टू डोर जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच किया। इसके अलावा दवाएं भी दी। इसके बाद भी बच्चों के बीमार होने की संख्या में कमी नहीं हो रही थी। जिसको देखते हुए सोमवार को पुनः टीम गांव पहुंची। और फिर से बच्चों के स्वास्थ्य की जांच किया। उनका सैंपल भी लिया। सैंपल को जांच के लिए भेजा जा रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि अभी सिर्फ चार वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे बीमार हैं। लेकिन यह बीमारी नौजवानों में क्यों नहीं है, यह बात समझ में नहीं आ रही है। इसी की जांच के लिए सैंपल भेजा जा रहा है। उधर ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम बच्चों का ठीक से इलाज नहीं कर रही है। डॉक्टरों की सिर्फ खाना पूर्ति कर रही है। इसके अलावा यह भी आरोप लगाया कि चिकित्सक स्कूल में गाड़ी खड़ी करने के बाद ग्राम प्रधान के दरवाजे गए। वहीं पर कैंप लगाया और आसपास के ही बच्चों का इलाज किया। फिर वापस सरकारी अस्पताल चले गए। जबकि पूरे गांव के अधिकतर बच्चे बीमार हैं। उनकी जांच नहीं की गई है। जिसके चलते ग्रामीणों में भी नाराजगी देखने को मिली। सीएमओ डॉ. केसी राय ने बताया कि भटवरिया गांव में बच्चों के बीमार होने की जानकारी मिली थी इस पर सीएचसी कनैली की टीम गांव भेजी गई थी। जहां पर सरकारी स्कूल के बच्चों का चेकअप किया गया। इसके अलावा गांव में भी कैंप।लगाकर 50 से अधिक बच्चों का चेकअप किया गया। जिनमें कुछ ही बच्चों में वायरल फीवर मिला। उनका सैंपल लेकर भेजा जा रहा है। आगे यदि और कोई बीमारी होगी तो उसी के अनुसार इलाज किया जाएगा।

कौशांबी-वायरल बुखार से भटवरिया में दर्जनों बच्चे बीमार, उचित इलाज न होने से ग्रामीण खफा_रिपोर्ट-राहुल भट्ट

 

उत्तर प्रदेश के कौशांबी में वायरल बुखार का कहर तेजी से बरपने लगा है। इसकी चपेट में सबसे अधिक बच्चे आ रहे हैं। कौशांबी ब्लॉक के भटवरिया गांव में दर्जनों बच्चे बीमार हैं। यह बच्चे गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ाई के दौरान अचानक बीमार हुए थे। जिसके बाद अभिभावकों में नाराजगी भी देखने को मिली। बच्चों के बीमार होने की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को हुई तो हड़कंप मच गया। सीएमओ के निर्देश पर आनन फानन में स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची। बच्चों के स्वास्थ्य का चेक अप किया। ग्रामीणों का आरोप है कि डॉक्टरों ने इलाज के नाम पर खाना पूर्ति की है। स्कूल परिसर में चारों तरफ गंदगी का अंबार देखने को मिल रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि गंदगी भी बीमारी फैलने की वजह बन रही है। इसके अलावा बच्चों का सैंपल भी लेकर जांच के लिए भेजा जा रहा है। अभी तक यह निष्कर्ष नहीं निकला कि आखिर बच्चे ही क्यों बीमार हो रहे हैं। चिकित्सकों की माने तो यह परेशानी का विषय है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। कौशांबी ब्लॉक के भटवरिया के बच्चे शुक्रवार को गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए गए। अचानक एक साथ कई बच्चों ने सिर दर्द, बदन दर्द एवं चक्कर आने के अलावा तेज बुखार होने की जानकारी शिक्षकों को दी। अचानक दर्जन भर से अधिक बच्चों के बीमार होने पर फौरन शिक्षकों ने बच्चों को उनके घर भेज दिया। बच्चों ने घर पहुंच कर परिजनों को तबीयत खराब होने की जानकारी दी। कुछ बच्चों ने परिजनों को यह बताया कि स्कूल में दवा छिड़काव होने के बाद बीमार होने की बात कही। जिस पर तमाम अभिभावक नाराज हुए और स्कूल पहुंच कर हंगामा करने लगे। हालांकि शिक्षकों ने समझाया और बच्चों के बीमार होने की जानकारी सीएचसी कनैली को दी। स्कूली बच्चों के बीमार होने की सूचना शनिवार को सीएमओ को भी दी गई। सीएमओ के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची। चिकित्सकों ने स्कूल पहुंच कर बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। इसके बाद गांव में डोर टू डोर जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच किया। इसके अलावा दवाएं भी दी। इसके बाद भी बच्चों के बीमार होने की संख्या में कमी नहीं हो रही थी। जिसको देखते हुए सोमवार को पुनः टीम गांव पहुंची। और फिर से बच्चों के स्वास्थ्य की जांच किया। उनका सैंपल भी लिया। सैंपल को जांच के लिए भेजा जा रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि अभी सिर्फ चार वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे बीमार हैं। लेकिन यह बीमारी नौजवानों में क्यों नहीं है, यह बात समझ में नहीं आ रही है। इसी की जांच के लिए सैंपल भेजा जा रहा है। उधर ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम बच्चों का ठीक से इलाज नहीं कर रही है। डॉक्टरों की सिर्फ खाना पूर्ति कर रही है। इसके अलावा यह भी आरोप लगाया कि चिकित्सक स्कूल में गाड़ी खड़ी करने के बाद ग्राम प्रधान के दरवाजे गए। वहीं पर कैंप लगाया और आसपास के ही बच्चों का इलाज किया। फिर वापस सरकारी अस्पताल चले गए। जबकि पूरे गांव के अधिकतर बच्चे बीमार हैं। उनकी जांच नहीं की गई है। जिसके चलते ग्रामीणों में भी नाराजगी देखने को मिली। सीएमओ डॉ. केसी राय ने बताया कि भटवरिया गांव में बच्चों के बीमार होने की जानकारी मिली थी इस पर सीएचसी कनैली की टीम गांव भेजी गई थी। जहां पर सरकारी स्कूल के बच्चों का चेकअप किया गया। इसके अलावा गांव में भी कैंप।लगाकर 50 से अधिक बच्चों का चेकअप किया गया। जिनमें कुछ ही बच्चों में वायरल फीवर मिला। उनका सैंपल लेकर भेजा जा रहा है। आगे यदि और कोई बीमारी होगी तो उसी के अनुसार इलाज किया जाएगा।

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