सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है   - अतिरिक्त खाद्यान्न भी कुछ बच्चों को देकर खानापूर्ति की गई। बखिरा। अब तो बच्चों के भोजन पर भी डाका डाला जा रहा है। विद्यालय के जिम्मेदारों की मिलीभगत से चार माह का खाद्यान्न फरवरी माह में उठान किया गया, किन्तु बच्चों में वितरित किए जाने के बजाए खाद्यान का बंदरबांट कर लिया गया, जबकि छह महीने के अतिरिक्त खाद्यान को भी कुछ ही बच्चों में बांटा गया है। यह मामला शिक्षा क्षेत्र बघौली के मेडरापार स्थित जूनियर हाईस्कूल का है। जूनियर हाईस्कूल मेडरापार विद्यालय के छात्र हरिओम, प्रिंजल, तन्नू, अंजलि, रवि, सिकन्दर, करीना, रवीना, ऋषि, सोहन ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से वह लोग विद्यालय नही आ पा रहे थे। इस दौरान अगस्त 2020 से नवम्बर 2020 तक का खाद्यान उन लोगो को अभी तक नही मिला है। बच्चों ने बताया कि जनवरी से जून तक छह माह का अतिरिक्त खाद्यान्न भी अधिकांश बच्चों को नही मिल है। इसके लिए विद्यालय के जिम्मेदारों से खाद्यान्न के बाबत बच्चे व उनके अभिभावकों ने सम्पर्क किया तो उन्हें बहाना बनाकर मना कर दिया जाता है। विरोध करने पर उन लोगो को धमकी भी दी जाती गया। मजबूरन वह लोग चुप है। इस संबंध में प्रधानाचार्य रामअधीन ने बताया एक सितंबर से उन्हें विद्यालय का चार्ज मिला हैं। इस बाबत उन्हें कोई भी जानकारी नही है।     PUBLISH BY-MOHD ADNAN DURRANI

संतकबीरनगर-बच्चों में नहीं बटां चार माह का खाद्यान्न, मिलीभगत का आरोप_रिपोर्ट-नागेश सिंह

 

– अतिरिक्त खाद्यान्न भी कुछ बच्चों को देकर खानापूर्ति की गई।

बखिरा। अब तो बच्चों के भोजन पर भी डाका डाला जा रहा है। विद्यालय के जिम्मेदारों की मिलीभगत से चार माह का खाद्यान्न फरवरी माह में उठान किया गया, किन्तु बच्चों में वितरित किए जाने के बजाए खाद्यान का बंदरबांट कर लिया गया, जबकि छह महीने के अतिरिक्त खाद्यान को भी कुछ ही बच्चों में बांटा गया है। यह मामला शिक्षा क्षेत्र बघौली के मेडरापार स्थित जूनियर हाईस्कूल का है।
जूनियर हाईस्कूल मेडरापार विद्यालय के छात्र हरिओम, प्रिंजल, तन्नू, अंजलि, रवि, सिकन्दर, करीना, रवीना, ऋषि, सोहन ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से वह लोग विद्यालय नही आ पा रहे थे। इस दौरान अगस्त 2020 से नवम्बर 2020 तक का खाद्यान उन लोगो को अभी तक नही मिला है। बच्चों ने बताया कि जनवरी से जून तक छह माह का अतिरिक्त खाद्यान्न भी अधिकांश बच्चों को नही मिल है। इसके लिए विद्यालय के जिम्मेदारों से खाद्यान्न के बाबत बच्चे व उनके अभिभावकों ने सम्पर्क किया तो उन्हें बहाना बनाकर मना कर दिया जाता है। विरोध करने पर उन लोगो को धमकी भी दी जाती गया। मजबूरन वह लोग चुप है।
इस संबंध में प्रधानाचार्य रामअधीन ने बताया एक सितंबर से उन्हें विद्यालय का चार्ज मिला हैं। इस बाबत उन्हें कोई भी जानकारी नही है।

 

 

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