सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है       सुलतानपुर---दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सोमवार को एमपी-एमएलए कोर्ट सुलतानपुर कोर्ट से सात साल पहले आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन समेत अन्य आरोपों में दर्ज दो केसों में कोर्ट ने जमानत दे दिया है। दोनो मामलों में कोर्ट ने सुनवाई के लिए अब 3 नवंबर की तारीख़ नीयत की है। बता दें कि केजरीवाल के अधिवक्ता मदन सिंह ने मीडिया को बताया कि गौरीगंज और मुसाफिरखाना में केस दर्ज हुआ था। अरविंद केजरीवाल ने दोनो मामलों में उच्चतम न्यायालय में एक रिट दायर की थी। उसमें व्यक्तिगत रुप से उन्हें यहां उपस्थित रहने से छूट मिली हुई थी। जिम्मेदार नागरिक होने के नाते मुकदमे की प्रोसोडिंग जल्दी हो न्यायालय में हम सहयोग दें इसलिए स्वेच्छा से न्यायालय में आज वो हाजिर हुए। उन्होंने जमानत का आवेदन किया। जमानत मंजूर हुई है। एक मुकदमे में आरोप तय हुआ है, दूसरे मुकदमे में डिस्चार्ज एप्लीकेशन दी है उसमें 3 नवंबर की तिथि कोर्ट ने लगाई है। कुमार विश्वास की ओर से मुकदमा वापस लेने की अर्जी दी गई थी वो खारिज हो गई है। दरअसल ये मामला साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान गौरीगंज एवं मुसाफिरखाना थाने में तत्कालीन आम आदमी पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी कुमार विश्वास के प्रचार के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। गौरीगंज से जुड़े मामले में पुलिस ने अरविंद केजरीवाल, कुमार विश्वास, हरीकृष्ण, राकेश तिवारी अजय सिंह, बब्लू तिवारी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। मामला एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में चल रहा है। अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर सुनवाई के पश्चात सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अग्रिम आदेश तक हाजिरी से छूट प्रदान की थी। सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका करीब छह वर्षों से विचारधीन रही। अभियोजन की तरफ से पैरवी में कोई रुचि ही नही ली जा रही थी जिसका नतीजा है कि मुकदमे की कार्यवाही काफी समय से लम्बित है। तो वहीं अभियोजन की इसी ढिलाई की वजह से लांबित सुनवाई के मद्देनजर कोर्ट ने विशेष लोक अभियोजक के माध्यम से डीएम को पत्र भेजकर शासन स्तर पर इस मुकदमे की सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने के लिए भी कहा था कि काफी दिनों से लम्बित मामले में कार्यवाही आगे बढ़ सके। मामले में गैरहाजिर रहने की वजह न बताने के कारण कोर्ट ने बीती पेशियों पर कुमार विश्वास के खिलाफ बी-डब्ल्यू वारंट जारी करने का भी आदेश दिया था। जिस पर उनकी तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता कई पेशियों से सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेंडिंग होने का हवाला देकर जारी वारंट सम्बन्धी आदेश निरस्त कराने के प्रयास में लगे हुए हैं।तो वही अभी तक कोई सफलता नही मिली। उधर सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेंडिंग होने व हाजिरी पर राहत मिलने की वजह से अब तक सीएम अरविंद केजरीवाल भी कोर्ट में हाजिर होने से बचे रहे। इसके बाद अरविंद केजरीवाल और राज्यसभा सांसद संजय सिंह अयोध्या के लिए प्रस्थान कर गए और उनके समर्थकों को भी निराशा हाथ लगी अरविंद केजरीवाल ने ना तो प्रेस वार्ता की और ना ही अपने समर्थकों को कोई दिशा निर्देश ही दिया।   PUBLISH BY MOHD ADNAN DURRANI

सुलतानपुर–आचार संहिता उल्लंघन व अन्य मामले मे दिल्ली के सीएम सुलतानपुर एमपी-एमएलए कोर्ट मे हुए पेश,दो केसो मे मिली जमानत,अगली तारीख़ 3 नवंबर_रिपोर्ट_अज़हर अब्बास

 

 

 

सुलतानपुर—दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सोमवार को एमपी-एमएलए कोर्ट सुलतानपुर कोर्ट से सात साल पहले आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन समेत अन्य आरोपों में दर्ज दो केसों में कोर्ट ने जमानत दे दिया है। दोनो मामलों में कोर्ट ने सुनवाई के लिए अब 3 नवंबर की तारीख़ नीयत की है।

बता दें कि केजरीवाल के अधिवक्ता मदन सिंह ने मीडिया को बताया कि गौरीगंज और मुसाफिरखाना में केस दर्ज हुआ था। अरविंद केजरीवाल ने दोनो मामलों में उच्चतम न्यायालय में एक रिट दायर की थी। उसमें व्यक्तिगत रुप से उन्हें यहां उपस्थित रहने से छूट मिली हुई थी। जिम्मेदार नागरिक होने के नाते मुकदमे की प्रोसोडिंग जल्दी हो न्यायालय में हम सहयोग दें इसलिए स्वेच्छा से न्यायालय में आज वो हाजिर हुए। उन्होंने जमानत का आवेदन किया। जमानत मंजूर हुई है। एक मुकदमे में आरोप तय हुआ है, दूसरे मुकदमे में डिस्चार्ज एप्लीकेशन दी है उसमें 3 नवंबर की तिथि कोर्ट ने लगाई है। कुमार विश्वास की ओर से मुकदमा वापस लेने की अर्जी दी गई थी वो खारिज हो गई है।

दरअसल ये मामला साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान गौरीगंज एवं मुसाफिरखाना थाने में तत्कालीन आम आदमी पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी कुमार विश्वास के प्रचार के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। गौरीगंज से जुड़े मामले में पुलिस ने अरविंद केजरीवाल, कुमार विश्वास, हरीकृष्ण, राकेश तिवारी अजय सिंह, बब्लू तिवारी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। मामला एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में चल रहा है। अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर सुनवाई के पश्चात सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अग्रिम आदेश तक हाजिरी से छूट प्रदान की थी। सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका करीब छह वर्षों से विचारधीन रही। अभियोजन की तरफ से पैरवी में कोई रुचि ही नही ली जा रही थी जिसका नतीजा है कि मुकदमे की कार्यवाही काफी समय से लम्बित है।

तो वहीं अभियोजन की इसी ढिलाई की वजह से लांबित सुनवाई के मद्देनजर कोर्ट ने विशेष लोक अभियोजक के माध्यम से डीएम को पत्र भेजकर शासन स्तर पर इस मुकदमे की सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने के लिए भी कहा था कि काफी दिनों से लम्बित मामले में कार्यवाही आगे बढ़ सके। मामले में गैरहाजिर रहने की वजह न बताने के कारण कोर्ट ने बीती पेशियों पर कुमार विश्वास के खिलाफ बी-डब्ल्यू वारंट जारी करने का भी आदेश दिया था। जिस पर उनकी तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता कई पेशियों से सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेंडिंग होने का हवाला देकर जारी वारंट सम्बन्धी आदेश निरस्त कराने के प्रयास में लगे हुए हैं।तो वही अभी तक कोई सफलता नही मिली। उधर सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेंडिंग होने व हाजिरी पर राहत मिलने की वजह से अब तक सीएम अरविंद केजरीवाल भी कोर्ट में हाजिर होने से बचे रहे।

इसके बाद अरविंद केजरीवाल और राज्यसभा सांसद संजय सिंह अयोध्या के लिए प्रस्थान कर गए और उनके समर्थकों को भी निराशा हाथ लगी अरविंद केजरीवाल ने ना तो प्रेस वार्ता की और ना ही अपने समर्थकों को कोई दिशा निर्देश ही दिया।

 

PUBLISH BY MOHD ADNAN DURRANI

Leave a Reply

error: Content is protected !!