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भारत में कोरोना अपने चरम पर जा रहा था और उसी समय उत्तराखंड सरकार द्वारा कुंभ मेले का आयोजन किया गया। कुंभ से शुरुआत से लेकर अभी तक चर्चाओं में बना हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि कुंभ कोरोना की दूसरी लहर का कारण बना। कुंभ की वजह से देश में दूसरी लहर आई। इसके बाद मेले में कोरोना जांच के फर्जीवाड़े का विवाद खड़ा हुआ है। इस पर विशेषज्ञ कह चुके है कि देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के हिसाब से कुंभ का आयोजन सुपर स्प्रेडर साबित हुआ। लेकिन हमेशा विवादों के बीच घिरे रहने वाले उत्तराखंड के पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने इस बात से साफ इनकार किया है। ( Former CM Rawat new statement ) आपको बता दे कि तीरथ सिंह रावत के कार्यकाल में कुंभ का आयोजन किया गया था। एक ताज़ा इंटरव्यू में रावत ने कहा कि कुंभ को सेकंड वेव की वजह बताना राष्ट्र विरोधी भी है और हिंदुत्व विरोधी भी।
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हिंदुत्व से नफरत करने वालों का काम है यह ( Former CM Rawat new statement )
पूर्व सीएम रावत का कहना है कि अगर कुंभ दूसरी लहर और सुपर स्प्रेडर का कारण था तो केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली एनसीआर में इतने सारे कोरोना के मामले क्यों सामने आते रहे? वहां तो कोई कुंभ नहीं हो रहा था। ( Former CM Rawat new statement ) समाचार वेबसाइट द प्रिंट को दिए एक इंटरव्यू में रावत ने यह बात कहते हुए आगे कहा कि ये कुछ लोगों की करतूत हैं… ये वही लोग हैं जो शुरू से देश और हिंदुत्व के खिलाफ रहे हैं। रावत ने इस इंटरव्यू में और भी मुद्दों पर बातचीत की। और साफ तौर कुंभ की तरफदारी की। साथ ही यह भी कहा कि उनके कार्यकाल में उत्तराखंड ने कोविड के खिलाफ देश की राजधानी से भी बेहतर प्रदर्शन किया।
रावत का बयान और आंकड़े
कुंभ मेले को बदनाम करने की साज़िश के तौर पर इस तरह के ‘दुष्प्रचार’ की बात कहते हुए रावत ने तर्क दिए कि देहरादून में हरिद्वार से ज़्यादा केस रहे। ( Former CM Rawat new statement ) जबकि कुंभ मेला तो हरिद्वार में हुआ था। दूसरी तरफ पिछले ही दिनों एक संस्था प्रश्नम द्वारा करवाए गए सर्वे में उत्तराखंड के लोगों से पूछा गया था कि वो कुंभ मेले के आयोजन के बारे में क्या सोचते हैं। इस सर्वे में 68 फीसदी लोगों ने माना था कि कोरोना संक्रमण के बीच यह आयोजन करवाना गैर ज़िम्मेदाराना कदम था। कोरोना के केस बढ़ने के बाद सभी का यह सोचना है कि कुंभ मेले का आयोजन अभी नहीं होना चाहिए थे।
दूसरी लहर में मौत का कारण ऑक्सीजन नहीं ( Former CM Rawat new statement )
हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा यह कहा गया था कि दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई है। इसके बाद कुछ राज्य सरकारें बी असमें हामी भरती नजर आयी। तीरथ सिंह रावत ने भी यही कहा है कि दूसरी लहर में उत्तराखंड में ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई। ( Former CM Rawat new statement ) रावत ने दावा किया कि दूसरी लहर के दौरान दिल्ली की केजरीवाल सरकार को उत्तराखंड ने ऑक्सीजन सप्लाई करवाई थी। उत्तराखंड में ऑक्सीजन की कोई शॉर्टेज नहीं थी। जबकि खबरों के हवाले से द प्रिंट ने यह भी लिखा कि उत्तराखंड के एक प्राइवेट अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से पांच कोविड मरीज़ों की मौत सुर्खियों में रही थी
रावत ने और कुछ खास बातें कहीं ( Former CM Rawat new statement )
इस इंटरव्यू के दौरान कई मुद्दों पर बातचीत करते हुए तीरथ सिंह रावत ने कुछ और अहम बातें भी कीं।
- उत्तराखंड के नए सीएम पुष्कर सिंह धामी मेरे छोटे भाई जैसे हैं। मुझे विश्वास है कि उनके नेतृत्व में राज्य और बेहतर होगा।
- पार्टी के भीतर कोई भी लड़ाई नहीं चल रही है। सब कुछ ठीक है। इस तरह की बातें कोरी अफवाहें हैं।
- कांग्रेस पार्टी का कोई अस्तित्व नहीं रह गया है। पेगासस को मुद्दा बनाना ‘खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे’ से ज़्यादा कुछ नहीं है। ( Former CM Rawat new statement )
गौरतलब है कि तीरथ सिंह रावत कहीं से भी विधायक नहीं थे इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाकर 4 जुलाई को पुष्कर सिंह धामी को नया सीएम बनाया गया। इस बारे में तीरथ सिंह रावत ने यही दोहराया। कई विधायक मेरे लिए अपनी सीट छोड़ने को तैयार थे। लेकिन कोविड के चलते उपचुनाव का फैसला न होने के कारण संवैधानिक संकट पैदा हुआ।
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