संतकबीरनगर जिले के जिला मुख्यालय खलीलाबाद स्थित प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान सूर्या इंटरनेशनल एकेडमी में बाल दिवस धूमधाम से मनाया गया। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन को बालदिवस के रूप में मनाए जाने की इस कड़ी में आज सूर्या इंटरनेशनल एकेडमी के सभी कक्षाओं में एक साथ पहुंचे प्रबंध निदेशक डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी और एक्जीक्यूटिव एमडी श्रीमती सविता चतुर्वेदी ने बाल दिवस का शुभारंभ फीताकाट कर करते हुए बच्चों के साथ केक काट सभी बच्चों को बाल दिवस की हार्दिक बधाई और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। आपको बता दें कि हर साल 14 नवम्बर को मनाए जाने वाला बाल दिवस का दिन चूंकि इस बार रविवार के दिन पड़ रहा था इसलिए बच्चों की खुशियों की खातिर एकेडमी प्रबंध तंत्र के बड़े जिम्मेदार यानी प्रबंध निदेशक डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी के निर्देशन में इस बार बालदिवस आज यानी 13 नवम्बर को बड़े धूमधाम से मनाया गया। एकेडमी की प्ले वे कक्षाओं से लेकर सीनियर सेक्शन के हर कक्षो में एक साथ पहुंचे प्रबंध निदेशक डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी ने एक्जक्यूटिव एमडी श्रीमती सविता चतुर्वेदी के साथ फीताकाट कर बालदिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान प्रिंसिपल रविनेश श्रीवास्तव के साथ सभी कक्षाओं के जिम्मेदार शिक्षक शिक्षिकाएं कार्यक्रम में मौजूद रही। सभी की मौजूदगी में बच्चों के साथ केक काट देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी की जयंती को हर्षोल्लास के साथ मनाते हुए प्रबंध निदेशक डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी और एक्जीक्यूटिव एमडी श्रीमती सविता चतुर्वेदी ने अपने हाथों से बच्चों को जहां केक खिलाया वहीं उनमें टॉफी, बिस्कुट और चॉकलेट भी बांटा। इस दौरान प्रबन्ध निदेशक डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी ने एकेडमी में पढ़ने वाले बच्चों के उज्ज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए सभी को बाल दिवस की बधाई औऱ शुभकामनाएं देते हुए सभी को मन लगाकर पढाई करने की बात कही। उन्होंने कहा कि14 नवंबर का दिन प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को समर्पित किया गया है। जवाहर लाल नेहरू को बच्चों के प्रति बेहद स्नेह था। बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। बच्चों के लिए बेशुमार प्यार, लगाव एवं देश को आजाद करवाने व स्वतंत्रता के बाद भारत को मजबूत बनाने में पंडित नेहरू जी का बड़ा योगदान रहा। चाचा नेहरू हमेशा कहते थे कि देश के स्वर्णिम विकास में बच्चे की अहम भागीदारी है। बच्चे ही देश का भविष्य हैं।